सर्वनाम Pronoun
जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं , उन्हें ‘ सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे — उन्हें , उन्होंने , तुम , हम , आप , यह , वे , वह उसका , उसके आदि ।
जब हम कुछ बोलते या लिखते हैं तब उस समय किसी नाम को बार – बार लिखना या बोलना अटपटा – सा लगता है । अत : हम वहाँ पर सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करते हैं । सर्वनाम शब्दों के प्रयोग से भाषा सरल एवं प्रभावशाली बनती है ।
पढ़िए और समझिए :
अजय दिल्ली में रहता है ।
उसकी आयु दस वर्ष है ।
वह रोज स्कूल जाता है ।
मैं अजय का मित्र हूँ ।
उसके पिता एक अध्यापक हैं ।
विद्यालय वह उपर्युक्त वाक्यों में अजय संज्ञा है । पहले वाक्य में तो संज्ञा का प्रयोग हुआ है और अगले वाक्यों में संज्ञा के स्थान पर सर्वनामों का प्रयोग हुआ है ; जैसे — उसकी , वह , मैं , उसके , वह , उसका आदि ।
सर्वनाम के भेद ( Kinds of Pronoun )
सर्वनाम के निम्नलिखित छह भेद हैं
- ( 1 ) पुरुषवाचक सर्वनाम ( Personal Pronoun )
- ( 2 ) निश्चयवाचक सर्वनाम ( Definite Pronoun )
- ( 3 ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम ( Indefinite Pronoun )
- ( 4 ) संबंधवाचक सर्वनाम ( Relative Pronoun )
- ( 5 ) प्रश्नवाचक सर्वनाम ( Interrogative Pronoun )
- ( 6 ) निजवाचक सर्वनाम ( Reflexive Pronoun )
( 1 ) पुरुषवाचक सर्वनाम ( Personal Pronoun ) — वह सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग बोलने वाला व्यक्ति अपने लिए सुनने वाले के लिए तथा किसी अन्य व्यक्ति के लिए करता है , उन्हें ‘ पुरुषवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे – मैं , तुम , आप , हम , हमें , वह , वे आदि ।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं
( क ) उत्तम पुरुष
( ख ) मध्यम पुरुष
( ग ) अन्य पुरुष
( क ) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम ( First Person ) – बोलने वाला व्यक्ति जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग अपने लिए करता है , उन्हें ‘ उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे — मैं , मेरा , हम , हमारा, हमे , मुझे , मुझको आदि ।
( ख ) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम ( Second Person ) – बोलने वाला व्यक्ति जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग सुनने वाले के लिए करता है , उन्हें ‘ मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे – तू , तुम , तुमने , तुमसे , तुम्हारा , आप , आपको , आपके आदि ।
( ग ) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम ( Third Person ) – जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाला , लिखने वाला , पढ़ने वाला और सुनने वाला किसी अन्य व्यक्ति के लिए करता है , उन्हें ‘ अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे – वह , वे , यह , ये , उनका , उन्होंने , उसे , उसका , उन्हें आदि ।
( 2 ) निश्चयवाचक सर्वनाम ( Definite Pronoun ) – जिन सर्वनाम शब्दों से निकट या दूर स्थित निश्चित वस्तुओं , व्यक्तियों या प्राणियों का बोध हो , उन्हें ‘ निश्चयवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे
( क ) यह अमर का घर है ।
( ख ) वह दीपू है ।
( ग ) इन्होंने आपको बुलाया था । इन वाक्यों में यह , वह और इन्होंने निश्चयवाचक सर्वनाम हैं ।
( 3 ) अनिश्चयवाचक सर्वनाम ( Indefinite Pronoun ) — वे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग किसी अनिश्चित व्यक्ति , वस्तु अथवा प्राणी आदि के लिए किया जाता है , उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे
( क ) कोई रो रहा है ।
( ख ) किसी के साथ बाजार चले जाना ।
( ग ) घर जाकर कुछ खा लेना । इन वाक्यों में कोई , किसी और कुछ शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं ।
( 4 ) संबंधवाचक सर्वनाम ( Relative Pronoun ) – जो सर्वनाम शब्द वाक्य के दूसरे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों से संबंध बताते हैं , उन्हें ‘ संबंधवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे
( क ) जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
( ख ) जो करेगा , सो भरेगा ।
( ग ) उतना खर्च करो जितना कमाओ । इन वाक्यों में जिसकी , उसकी , जो , सो , उतना , जितना शब्द संबंधवाचक सर्वनाम हैं ।
( 5 ) प्रश्नवाचक सर्वनाम ( Interrogative Pronoun ) – ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है , उन्हें ‘ प्रश्नवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे
( क ) दरवाजा कौन खटखटा रहा है ?
( ख ) तुम्हारे हाथ में क्या है ?
( ग ) तुम्हें किसने बुलाया है ? इन वाक्यों में कौन , क्या , किसने प्रश्नवाचक सर्वनाम हैं ।
( 6 ) निजवाचक सर्वनाम ( Reflexive Pronoun ) – जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाला अपने लिए करता है , उन्हें ‘ निजवाचक सर्वनाम ‘ कहते हैं ; जैसे
( क ) मैं अपने आप ही चला जाऊँगा ।
( ख ) मैं यह काम स्वयं कर लूंगा ।
( ग ) वे खुद सामान खरीद लाएंगे । इन वाक्यों में अपने आप , स्वयं और खुद शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं । ये शब्द कर्ता के लिए प्रयोग हो रहे हैं ।
याद रखिए : ‘ आप ‘ शब्द का प्रयोग पुरुषवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम दोनों रूपों में होता है ।
सर्वनामों की रूप - रचना ( Transformation of Pronouns )
कारक – चिह्न जिस प्रकार संज्ञा शब्दों का रूप परिवर्तन करते हैं उसी प्रकार सर्वनामों के रूप में भी वचन और कारक के कारण विकार आ जाता है ।
याद रखिए : 1. सर्वनाम शब्दों पर लिंग का कोई प्रभाव नहीं पड़ता । जो प्रभाव वाक्य में दिखाई देता है वह क्रिया – शब्दो से स्पष्ट होता है ।
- सर्वनाम शब्दों की रूप – रचना में ‘ संबोधन ‘ नहीं होता ।