काल Tense
काल का अर्थ होता है – ‘ समय ‘ । काल के विषय में तीन वाक्य पढ़िए और समझिए
- अजय पढ़ता है ।
- अजय पढ़ रहा था ।
- अजय पढ़ेगा ।
उपर्युक्त वाक्यों में ‘ पढ़ता है ‘ से चल रहे समय का , ‘ पढ़ रहा था ‘ से बीते हुए समय का और ‘ पढ़ेगा ‘ से आने वाले समय का बोध होता है ।
काल के भेद ( Kinds of Tense )
काल के तीन भेद हैं
- वर्तमानकाल ( Present Tense )
- भूतकाल ( Past Tense )
- भविष्यत्काल ( Future Tense )
1. वर्तमानकाल ( Present Tense )
क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमान में होने को पता चले , उसे ‘ वर्तमान काल ‘ कहते हैं ; जैसे
( क ) बच्चा पढ़ता है ।
( ख ) लड़का खेल रहा है ।
( ग ) वह चित्र बना रहा है ।
इन वाक्यों में क्रियाओं के कार्य वर्तमान में हो रहे हैं ; अत : ये वाक्य वर्तमानकाल के उदाहरण हैं ।
वर्तमानकाल के भेद ( Kinds of Present Tense )
वर्तमानकाल के मुख्य रूप से तीन भेद हैं
( क ) सामान्य वर्तमानकाल ( Present Indefinite Tense ) – क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमानकाल में सामान्य रूप से क्रिया का होना पाया जाए , वह रूप ‘ सामान्य वर्तमानकाल ‘ को प्रकट करता है ; जैसे
बच्चा खेलता है ।
यह किताब है ।
वह नाचती है ।
मनोज साइकिल चलाता है ।
इन वाक्यों के क्रियापदों से कार्य के वर्तमानकाल में सामान्य रूप से होने का पता चलता है ; अत : ये सामान्य वर्तमानकाल की क्रियाएँ हैं ।
( ख ) अपूर्ण वर्तमानकाल ( Present Continuous Tense ) – क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि कार्य अभी छल रहा है , समाप्त नहीं हुआ है , वह रूप ‘ अपूर्ण वर्तमानकाल ‘ को प्रकट करता है ।
जैसे – अमर नहा रहा है । वह लिख रहा है । तमन्ना खेल रही है ।
इन वाक्यों के क्रियापदों से पता चलता है कि क्रिया अभी पूर्ण नहीं हुई है ; अत : ये अपूर्ण वर्तमानकाल की क्रियाएँ हैं ।
( ग ) संदिग्ध वर्तमानकाल ( Present Doubtful Tense ) – क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमानकाल में होने का संदेह प्राया जाए , उसे ‘ संदिग्ध वर्तमानकाल ‘ कहते हैं ; जैसे
वह पढ़ता होगा । रेशमा लिख रही होगी । वह चाय बना रही होगी । मनोज स्कूल पहुँचा होगा ।
इन वाक्यों में क्रिया के होने में संदेह लग रहा है ; अत : ये संदिग्ध वर्तमानकाल की क्रियाएँ हैं ।
2. भूतकाल ( Past Tense )
क्रिया के जिस रूप से कार्य का बीते हुए समय में होना या करना पाया जाए , उसे ‘ भूतकाल ‘ कहते हैं ; जैसे –
उसने खाना खाया । वह खेल रहा था । रीतू खेलती थी ।
भूत काल के भेद ( Kinds of Past Tense )
भूतकाल के छह भेद हैं
( क ) सामान्य भूतकाल ( Past Indefinite Tense ) – क्रिया के जिस रूप से भूतकाल के सामान्य रूप का पता चले , इसे ‘ सामान्य भूतकाल ‘ कहते हैं ; जैसे –
मनोज ने चाय पी । वह गया । उसने कहानी पढ़ी ।
( ख ) आसन्न भूतकाल ( Recent Past Tense ) – क्रिया के जिस रूप से भूतकाल की क्रिया का होना निकट पाया जाए , वह रूप ‘ आसन्न भूतकाल ‘ को प्रकट करता है ; जैसे –
रेशमा ने चाय बनाई है । अमित आया है ।अनुपमा बाजार गई है ।
( ग ) अपूर्ण भूतकाल ( Past Imperfect Tense ) – क्रिया के जिस रूप से भूतकाल में क्रिया के होने का पता चले , किंतु उसके पूर्ण होने का पता न चले , वह रूप ‘ अपूर्ण भूतकाल ‘ को प्रकट करता है ; जैसे –
नरेश पढ़ रहा था । बच्चे सफाई कर रहे थे । मैं बाजार जा रहा था । वह नहा रहा था ।
( घ ) पूर्ण भूतकाल ( Past Perfect Tense ) – क्रिया के जिस रूप से यह पता चलता है कि कार्य समाप्त हुए बहुत समय बीत चुका है , वह रूप ‘ पूर्ण भूतकाल ‘ को प्रकट करता है ; जैसे –
मेहमान वर्षा होने से पहले ही जा चुके थे । माता जी बाजार गई थीं । पिता जी दिल्ली गए थे ।
( ङ ) संदिग्ध भूतकाल ( Past Doubtful Tense ) –
क्रिया के जिस रूप से भूतकाल की क्रिया के होने में संदेह पाया जाए , वह रूप ‘ संदिग्ध भूतकाल ‘ को प्रकट करता है ; जैसे –
सुनीता आई होगी । वह घर चला गया होगा । उसने खाना खाया होगा ।
( च ) हेतु – हेतुमद् भूतकाल ( Past Conditional Tense ) –जहाँ भूतकाल की क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर आधारित होता है , वहाँ ‘ हेतु – हेतुमद् भूतकाल ‘ होता है ; जैसे –
यदि तुम परिश्रम करते तो पास हो जाते । यदि वर्षा होती तो फसल अच्छी हो जाती ।
भविष्यकाल ( FutureTense )
भविष्यकाल के तीन भेद है –
( क ) सामान्य भविष्यकाल ( Future Indefinite tense )- क्रिया का वह रूप जिससे आने वाले समय में सामान्य रूप से क्रिया के होने का पता चले उसे “सामान्य भविष्यकाल ” कहते है ; जैसे –
मैं कल परीक्षा दूंगा
मैं पत्र लिखूंगा
वह कल आएगा
वह गेंद से खेलेगी
( ख ) सम्भाव्य भविष्यकाल ( Doubtful Future Tense )- क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में क्रिया के होने में संदेह या सम्भावना पाई जाये, उसे “सम्भाव्य भविष्यकाल“कहते है। जैसे –
शायद आज वर्षा होगी।
शायद वह परसो आये।
( ग ) हेतु – हेतुमद ( Future Conditional Tense )- जहा की एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर आधारित हो, वहाँ “हेतु – हेतुमद” होता है ; जैसे –
यदि तुम परिश्रम करोगे तो पास हो जाओगे
यदि वर्ष होगी तो फसल अच्छी हो जाएगी