परिभाषा – शब्द का वाह रूप जिससे उसके एक या अनेक होने का बोध होता है , उसे वचन कहते है।
जैसे –
► राम स्नान कर रहा है।
► बच्चे स्कूल जा रहे है।
► कुत्ता भौंक रहा है।
► कुत्ते भाग रहे है।
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘राम ‘ और ‘कुत्ता ‘ एक प्राणी का बोध करा रहे है तथा ‘बच्चे’ और ‘ कुत्ते ‘ शब्द से एक से अधिक प्राणियों या जीवो का बोध हो रहा है। )
वचन के प्रकार ( kinds of Number) –
हिंदी व्याकरण में वचन दो प्रकार के होते है –
1. एकवचन ( Singular Number)
2. बहुवचन ( Plural Number)
1. एकवचन ( Singular Number) – शब्द का वह रूप जिससे एक ही प्राणी /व्यक्ति , वस्तु तथा पदार्थ के बारे में जानकारी प्राप्त होती है ,उसे एकवचन कहते है।
जैसे- किताब, पेन, लड़का,लड़की, गाय, नदी, बच्चा,कुत्ता, कुर्सी ,टेबल आदि।
2. बहुवचन ( Plural Number) – शब्द का वह रूप जिससे एक से अधिक व्यक्ति, वस्तु तथा पदार्थ के बारे में जानकारी प्राप्त होती है , उसे बहुवचन कहते है।
जैसे- किताबे, लड़के, लड़किया , नदिया, बच्चे, कुत्ते, कुर्सियां, आदि।
वचन की पहचान ( identification of Number) –
वचन की पहचान मुख्यतः दो प्रकार से की जाती है –
1. क्रिया पदों के रूप में – क्रिया पदों के रूप में वचन की पहचान निम्न प्रकार से होती है –
जैसे-
► कारीगर काम कर रहा है। (एकवचन )
► कारीगर काम कर रहे है। ( बहुवचन )
► पक्षी आकाश में उड़ रहा है। ( एकवचन )
► पक्षी आकाश में उड़ रहे है। ( बहुवचन)
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘ रहा है ‘ शब्द एक व्यक्ति / प्राणी के बारे में बता रहा है , जबकि ‘रहे है ‘ शब्द एक से अधिक के बारे में बता रहा है। )
2. संज्ञा एवं सर्वनाम के रूप में – संज्ञा या सर्वनाम के रूप में वचन की पहचान निम्न प्रकार से की जाती है –
जैसे –
► बच्चा खेल रहा है। ( एकवचन )
► बच्चे खेल रहे है। ( बहुवचन )
► वह स्कूल जा रहा है। ( एकवचन )
► वे स्कूल जा रहे है। ( बहुवचन )
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘बच्चा ‘ एवं ‘वह’ शब्द एक व्यक्ति का बोध करा रहा है ,जबकि ‘ बच्चे ‘ एवं ‘ वे ‘ शब्द एक से अधिक व्यक्ति का बोध करा रहे है। )
नोट – कुछ विशेष परिस्थितियों में एकवचन कर्त्ता होने पर भी बहुवचन क्रिया पदों का प्रयोग किया जाता है।
जैसे –
► पिताजी आज आ रहे है।
► पंडित जी मंदिर में पूजा कर रहे है।
( उपर्युक्त वाक्यों में ‘पिताजी’ तथा ‘ पंडितजी’ एक वचन है लेकिन ‘रहे है ‘ शब्द बहुवचन क्रिया पद है )
कुछ विशेष स्थितियों में खुद को बड़ा दर्शाने के लिए भी कुछ लोग ‘ मैं’ के स्थान पर ‘ हम ‘ का प्रयोग करते है।
जैसे –
► मालिक ने नौकर से कहा , ” हम बाहर जा रहे है। “
वचन परिवर्तन ( change of Number)
वचन परिवर्तन का अर्थ होता है ‘ एकवचन से बहुवचन में बदलना। ‘
शब्द के अंत में आये ‘अ’ को ‘एँ ‘ में बदलकर –
जैसे –
► पुस्तक – पुस्तकें
► तलवार – तलवारें
► सड़क – सड़कें
► गाय – गाये
► चाह – चाहें
► राह – राहें
शब्द के अंत में आये ‘ आ’ को ‘ एँ ‘ में बदलकर –
► कला – कलाएँ
► महिला – महिलाएँ
► माला – मालाएँ
► सभा – सभाएँ
► गाथा – गाथाएँ लता – लताए
शब्द के अंत में आए ‘आ’ को ‘ए’ में बदलकर –
► कपड़ा – कपड़े
► चना – चने
► लड़का – लड़के
► तोता – तोते
► गधा – गधे
►चीता – चीते
शब्द के अंत में आई ‘ ई’ के स्थान पर ‘ याँ ‘ लगाकर तथा ‘ई’ को ‘इ’ में बदलकर –
► चोटी – चोटियाँ
► नारी – नारियाँ
► चाबी – चाबियाँ
► नदी – नदियाँ
► रानी – रानियाँ
► धोती – धोतियाँ
स्त्रीलिंग शब्द के अंत में आए ‘ या ‘ को ‘ याँ’ में बदलकर –
► लुटिया – लुटियाँ
► कुटिया – कुटियाँ
► गुड़िया – गुड़ियाँ
► कुतिया – कुतियाँ
► चिड़िया – चिड़ियाँ
► चुहिया – चुहियाँ
स्त्रीलिंग शब्द के अंत में आए ‘उ’ , ‘ऊ’ , ‘औ’ में ‘ एँ’ लगाकर –
► बहु – बहुएँ
► वस्तु – वस्तुएँ
► वधु – वधुएँ
► गौ – गौएँ
एकवचन शब्द के साथ लोग ,जन, गण, वर्ग , वृंद लगाकर –
► कर्मचारी – कर्मचारीवर्ग
► लेखक – लेखकगण
► गुरु – गुरुजन
► छात्र – छात्रगण
►अध्यापक – अध्यापकगण
► प्रजा – प्रजातंत्र
विशेष –
धातुओं का बोध कराने वाली जातिवाचक संज्ञाएँ तथा भाववाचक संज्ञाएँ एकवचन में प्रयोग की जाती है ,जैसे – सोना ,चाँदी, घृणा ,सत्य, प्रेम, गरीबी आदि।
कुछ शब्द ऐसे है, जो सदैव एकवचन में ही प्रयोग किये जाते है , जैसे- आग, जनता ,दूध, प्रजा, भीड़, आकाश, वर्षा आदि।
कुछ शब्द ऐसे है , जो सदैव बहुवचन में ही प्रयोग किये जाते है ,जैसे – होश , प्राण, आँसू , दर्शन, लोग, बाल आदि।
कुछ शब्द ऐसे है , जो एकवचन तथा बहुवचन में समान होते है , उनके रूप नहीं बदलते , जैसे- चाय, छाया, पानी, क्षमा, याचना , गिरि , कल आदि।